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पेंटिंग की कोई भी प्रतियोगिता स्कूल में होती, तो उसमें वह प्रथम स्थान प्राप्त करता। मुकेश की पेंटिंग की सराहना स्कूल में भी की जाती थी।
घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।
यह सभी हिंदी कहानियां बहुत ध्यान पूर्वक लिखी गई हैं जिसमें आपको वह सभी महत्वपूर्ण बातें पढ़ने को मिलेंगे जिससे हम एक अच्छे समाज की स्थापना कर सकते हैं।
दोनों मछुआरे आश्चर्यचकित होकर विचार-विमर्श करते हुए कहते हैं!
जब वह कुछ दिन बाद विद्यालय पहुंचा वहां, प्रधानाचार्य ने उन सभी बालकों को बुलाया जिन्होंने परेड में भाग नहीं लिया था। इस पर रमेश का नाम नहीं पुकारा गया , बाकी सभी विद्यार्थियों को उनके अभिभावक को लाने के लिए कहा गया। रमेश ने सोचा कि मेरा नाम प्रधानाचार्य ने नहीं बोला लगता है वह भूल गए होंगे। रमेश प्रधानाचार्य के ऑफिस में गया और उसने प्रधानाचार्य से कहा कि मैं भी उस दिन परेड में नहीं आया था।
उन पर समय का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता था।
दोनों बकरियां घास को खाकर खुश रहती थी।
अंत में सलीम हार मान गया और बकरी के बच्चे को वहीं छोड़कर। अब्दुल के अम्मी – अब्बू से अपने पैसे लेकर वापस लौट आया।
जंगल में सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे। उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी। उसकी बेटी मृगनैनी अभी पांच महीने की थी। मृगनैनी अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी।
ईरान और इसराइल के बीच दुश्मनी कितनी पुरानी है?
कुछ ही देर बाद उस व्यक्ति के गुरु वहाँ पहुंचे। गुरु ने सभी को शांत किया। और अपने शिष्य के पड़े शव को देखा। कुछ देर शव को देखने के बाद उसके परिवार वालो को कहा इस शव में जान फुका जा सकता है। इस व्यक्ति को मैं अपनी विद्या से जिंदा कर सकता हूँ।
उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।
उसनें मोमबत्तियां और लोबान की बतियां खरीदी और फिर पूरे महल को रोशनी और सुगंध से भर दिया। इस तीसरे बेटे की बुद्धिमानी से खुश होकर राजा ने उसे अपना उत्तराधिकारी बनाया।
परीक्षा हुई जिसमें श्याम और उसके दोस्त सफल नहीं हो पाए वह फेल हो गए।